इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
किससे कहे दिल की बात को हम
चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
माहिया छंद विधान (पंजाबी ) सउदाहरण
इक उम्र चुरा लेते हैं हम ज़िंदगी जीते हुए,
#शीर्षक:- नशीली आँखो में झाँक
जिज्ञासा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
*स्मृति: रामपुर के वरिष्ठ कवि श्री उग्रसेन विनम्र जी के दो प
"हिचकी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
अभी मेरी बरबादियों का दौर है
अगर हौसला हो तो फिर कब ख्वाब अधूरा होता है,
यही विश्वास रिश्तो की चिंगम है
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।