2721.*पूर्णिका*
2721.*पूर्णिका*
🌷 जिंदगी महक रही हैं🌷
212 22 22
जिंदगी महक रही है।
पंछियां चहक रही है।।
दीप के अंजोर तले ।
सादगी लहक रही है ।।
देखना क्या होगा अब।
चाह भी बहक रही है।।
साथ है अपना हमदम ।
रौशनी झलक रही हैं।।
आरजू खेदू खुशियाँ ।
धड़कनें धड़क रही है ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
12-11-23 रविवार(दीपावली )