Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2023 · 1 min read

2721.*पूर्णिका*

2721.*पूर्णिका*
🌷 जिंदगी महक रही हैं🌷
212 22 22
जिंदगी महक रही है।
पंछियां चहक रही है।।
दीप के अंजोर तले ।
सादगी लहक रही है ।।
देखना क्या होगा अब।
चाह भी बहक रही है।।
साथ है अपना हमदम ।
रौशनी झलक रही हैं।।
आरजू खेदू खुशियाँ ।
धड़कनें धड़क रही है ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
12-11-23 रविवार(दीपावली )

259 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रमेशराज की पिता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पिता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं  कमियो
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं कमियो
Ragini Kumari
तलाशता हूँ उस
तलाशता हूँ उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ
Atul "Krishn"
3286.*पूर्णिका*
3286.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!! यह तो सर गद्दारी है !!
!! यह तो सर गद्दारी है !!
Chunnu Lal Gupta
कविता
कविता
Pushpraj devhare
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*प्रणय*
बेरोजगारी का दानव
बेरोजगारी का दानव
Anamika Tiwari 'annpurna '
वह मुझे चाहता बहुत तो था
वह मुझे चाहता बहुत तो था
Shweta Soni
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
Anand Kumar
बारिश पुकार कर, कहती है यार से,,
बारिश पुकार कर, कहती है यार से,,
Neelofar Khan
🙂
🙂
Chaahat
गुरु हो साथ तो मंजिल अधूरा हो नही सकता
गुरु हो साथ तो मंजिल अधूरा हो नही सकता
Diwakar Mahto
भाग्य ने पूछा हज़ारों बार,मैं तुम्हारा नाम ले पाया नहीं !
भाग्य ने पूछा हज़ारों बार,मैं तुम्हारा नाम ले पाया नहीं !
पूर्वार्थ
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
Sunil Maheshwari
वीकेंड
वीकेंड
Mukesh Kumar Sonkar
"ऐसा है अपना रिश्ता "
Yogendra Chaturwedi
सच तो रंग होते हैं।
सच तो रंग होते हैं।
Neeraj Agarwal
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
कवि दीपक बवेजा
"वे खेलते हैं आग से"
Dr. Kishan tandon kranti
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
हश्र का वह मंज़र
हश्र का वह मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
हरि हरि के जाप ने हर लिए सारे कष्ट...
हरि हरि के जाप ने हर लिए सारे कष्ट...
Jyoti Khari
रिश्तों की डोर
रिश्तों की डोर
मनोज कर्ण
*कर्ज लेकर एक तगड़ा, बैंक से खा जाइए 【हास्य हिंदी गजल/गीतिका
*कर्ज लेकर एक तगड़ा, बैंक से खा जाइए 【हास्य हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
Phool gufran
तुम्हीं मेरा रस्ता
तुम्हीं मेरा रस्ता
Monika Arora
वैसे अपने अपने विचार है
वैसे अपने अपने विचार है
शेखर सिंह
माटी करे पुकार 🙏🙏
माटी करे पुकार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...