नर्क भोगने के लिए पाप करना ही जरूरी नहीं हैं, अगर आप एक शिक्
मधुमाश
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो मिटा ना सके ज़ुल्म को ज़माने से अभी ।
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
जज्बे से मिली जीत की राह....
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
जिंदगी का यह दौर भी निराला है
शायरी
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲 𑒦𑒰𑒭𑒰 𑒮𑒧𑓂𑒣𑒴𑒩𑓂𑒝 𑒠𑒹𑒯𑒏 𑒩𑒏𑓂𑒞 𑒧𑒹 𑒣𑓂𑒩𑒫𑒰𑒯𑒱𑒞 𑒦 𑒩𑒯𑒪 𑒁𑒕𑒱 ! 𑒖𑒞𑒻𑒏
फूल
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"नारियल खोपड़ी से टकराए या खोपड़ी नारियल से, फूटना खोपड़ी को ही