*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
अच्छे बल्लेबाज हैं, गेंदबाज दमदार।
गजलकार रघुनंदन किशोर "शौक" साहब का स्मरण
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
संवादरहित मित्रता, मूक समाज और व्यथा पीड़ित नारी में परिवर्तन
आत्महत्या करके मरने से अच्छा है कुछ प्राप्त करके मरो यदि कुछ
वतन से हम सभी इस वास्ते जीना व मरना है।
"लाज बिचारी लाज के मारे, जल उठती है धू धू धू।
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कविता - "बारिश में नहाते हैं।' आनंद शर्मा
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
परिंदे भी वफ़ा की तलाश में फिरते हैं,
मैं गुजर जाऊँगा हवा के झोंके की तरह