- उसकी कशिश मुझको उसकी और खीचती जाए -
आखिर इतना गुस्सा क्यों ? (ग़ज़ल )
हम जिसे प्यार करते हैं उसे शाप नहीं दे सकते
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़।
वो हर रोज़ आया करती है मंदिर में इबादत करने,
क्यों शमां मुझे लगे मधुमास ही तो है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शादी के बाद भी अगर एक इंसान का अपने परिवार के प्रति अतिरेक ज
लाल बहादुर
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
प्रकृति पूजन (कार्तिक मास)