ग़ज़ल-जितने घाव पुराने होंगे
तुमसे बेहद प्यार करता हूँ
हर जौहरी को हीरे की तलाश होती है,, अज़ीम ओ शान शख्सियत.. गुल
मनाओ मातु अंबे को
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
रंगमंचक कलाकार सब दिन बनल छी, मुदा कखनो दर्शक बनबाक चेष्टा क
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
*** " गुरु...! गूगल दोनों खड़े काके लागूं पांय् .....? " ***
Dedicated to all those who live outside their home to earn t
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
ये तेरी यादों के साएं मेरे रूह से हटते ही नहीं। लगता है ऐसे
मतलब भरी दुनियां में जरा संभल कर रहिए,