बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी ,
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
कपड़ों की तरहां मैं, दिलदार बदलता हूँ
मां तौ मां हैं 💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है।
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
ग़ज़ल _ दिल मचलता रहा है धड़कन से !
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
प्राण प्रतीस्था..........
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राधा अब्बो से हां कर दअ...
मस्तियाँ दे शौक़ दे माहौल भी दे ज़िन्दगी,
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इन चरागों का कोई मक़सद भी है