2705.*पूर्णिका*
2705.*पूर्णिका*
दिल के पास न मिला
22 2212
दिल के पास न मिला।
मन भी दास न मिला।।
चलना है किस राह पर ।
देख उजास न मिला ।।
चाहत रखते हमें ।
कोई खास न मिला।।
हांके हाकिम बने ।
कुछ आभास न मिला।।
रंगे खेदू कहाँ ।
यूं बिंदास न मिला ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
09-11-23 गुरुवार