2697.*पूर्णिका*
2697.*पूर्णिका*
हाथ मिला साथ मिला
22 22 22
हाथ मिला साथ मिला ।
खोजा तो नाथ मिला ।।
चलते आगे बढ़ते।
रोज झुका माथ मिला।।
फूलों की तरह बने।
पथगामी पाथ मिला।।
शुक्र है दुनिया सुंदर ।
कोई न अनाथ मिला ।।
बस बांट खुशी खेदू।
साथी जगन्नाथ मिला।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
06-11-23 सोमवार