किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
लोकतांत्रिक मूल्य एवं संवैधानिक अधिकार
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
एक दिवानी को हुआ, दीवाने से प्यार ।
खुद का मनोबल बढ़ा कर रखना पड़ता है
कागज़ पे वो शब्दों से बेहतर खेल पाते है,
दोहे
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
रेत सी इंसान की जिंदगी हैं
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
singh kunwar sarvendra vikram
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
इक ही नहीं मुमकिन है ये के कई दफा निकले
बस तू हीं नहीं मुझसे एक बेवफ़ा हुआ...
हम किसी सरकार में नहीं हैं।
*थियोसॉफिकल सोसायटी से मेरा संपर्क*
" मँगलमय नव-वर्ष-2024 "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जिंदगी का एक और अच्छा दिन,