2693.*पूर्णिका*
2693.*पूर्णिका*
वाहवाही करते
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वाहवाही करते।
कार्यवाही करते।।
जिंदगी भर रोते।
जो तबाही करते।।
चालबाजी क्या है ।
बस गवाही करते।।
देख कर ये दुनिया ।
दिल निगाही करते ।।
रोज बढ़ते खेदू ।
शंहशाही करते।।
………..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
06-11-23 सोमवार