Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2023 · 1 min read

2686.*पूर्णिका*

2686.*पूर्णिका*
* मंजिल भी पता पूछते *
22 212 212
मंजिल भी पता पूछते ।
साहिल भी पता पूछते।।
साजिश में यहाँ हसरतें ।
कातिल भी पता पूछते।।
चोटिल देख ले जिंदगी ।
दुनिया भी पता पूछते।।
खिलना छोड़ जाते यहाँ ।
बगियां भी पता पूछते।।
रहते रोज खेदू यहीं ।
साजन भी पता पूछते।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
05-11-23 रविवार

236 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बेटी
बेटी
Neeraj Agarwal
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
Ravi Betulwala
मेहनत से रोटी मिले दो वक्त की
मेहनत से रोटी मिले दो वक्त की
सुशील भारती
लोकतंत्र का मंदिर
लोकतंत्र का मंदिर
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अधूरी
अधूरी
Naushaba Suriya
#कमसिन उम्र
#कमसिन उम्र
Radheshyam Khatik
हां मैं उत्तर प्रदेश हूं,
हां मैं उत्तर प्रदेश हूं,
Anand Kumar
आखिरी मोहब्बत
आखिरी मोहब्बत
Shivkumar barman
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मेहमान
मेहमान
meenu yadav
आखिर इतना गुस्सा क्यों ? (ग़ज़ल )
आखिर इतना गुस्सा क्यों ? (ग़ज़ल )
ओनिका सेतिया 'अनु '
!! आशा जनि करिहऽ !!
!! आशा जनि करिहऽ !!
Chunnu Lal Gupta
#ਚਾਹਤ
#ਚਾਹਤ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
6 लहरें क्यूँ उफनती
6 लहरें क्यूँ उफनती
Kshma Urmila
अनंत है जिंदगी अनन्त के लिए
अनंत है जिंदगी अनन्त के लिए
Anant Yadav
" ऊँचाई "
Dr. Kishan tandon kranti
रो रो कर बोला एक पेड़
रो रो कर बोला एक पेड़
Buddha Prakash
ସଦାଚାର
ସଦାଚାର
Bidyadhar Mantry
यादों की सफ़र
यादों की सफ़र"
Dipak Kumar "Girja"
ग़म हमें सब भुलाने पड़े।
ग़म हमें सब भुलाने पड़े।
पंकज परिंदा
*चॉंदी के बर्तन सदा, सुख के है भंडार (कुंडलिया)*
*चॉंदी के बर्तन सदा, सुख के है भंडार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मील के पत्थर....
मील के पत्थर....
sushil sarna
प्रेम ईश्वर
प्रेम ईश्वर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
From I to We- Please Marry Me
From I to We- Please Marry Me
Deep Shikha
जनता
जनता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
यहीं सब है
यहीं सब है
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
लक्ष्य
लक्ष्य
Mansi Kadam
तुम भी कहो कि ख्वाबों में आओगे ना
तुम भी कहो कि ख्वाबों में आओगे ना
Jyoti Roshni
हर तीखे मोड़ पर मन में एक सुगबुगाहट सी होती है। न जाने क्यों
हर तीखे मोड़ पर मन में एक सुगबुगाहट सी होती है। न जाने क्यों
Guru Mishra
या तो युद्ध छेड़ दो हमसे,
या तो युद्ध छेड़ दो हमसे,
पूर्वार्थ
Loading...