"प्रीत-बावरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
मैंने उनका जाना भी देखा है जिनके जानें जाती थी जान अब मुझे क
कितना हराएगी ये जिंदगी मुझे।
*रिश्तों मे गहरी उलझन है*
*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
चढ़ा नहीं दिल की कभी,जो मेरी दहलीज ।।
कार्यशैली और विचार अगर अनुशासित हो,तो लक्ष्य को उपलब्धि में
Festival Of Lights Goa Parra Village
हम बंधन में रहकर भी मुक्ति का आनंद उठा सकते हैं, बस हमें परि
यादों पर एक नज्म लिखेंगें