व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
⛪🕌🕍🛕🕋 तू ही मिल जाए मुझे बस इतना ही काफी है, मेरी हर साँस ने बस ये ही दुआ माँगी है, जाने क्यूँ दिल खिंचा जाता है तेरी तरफ, क्या तूने भी मुझे पाने की दुआ माँगी है। ⛪🕌🕍🛕🕋
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
पैसे कमाने के लिए दिमाग चाहिए
पूछो हर किसी सेआजकल जिंदगी का सफर
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
■ त्रिवेणी धाम : हरि और हर का मिलन स्थल
यूं तेरी आदत सी हो गई है अब मुझे,
स्वतंत्रता सही मायने में तभी सार्थक होगा....
आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष)
खुशियों की आँसू वाली सौगात
आहुति चुनाव यज्ञ में, आओ आएं डाल
*वैज्ञानिक विद्वान सबल है, शक्तिपुंज वह नारी है (मुक्तक )*
पूनम का चांद
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सफलता और असफलता के बीच आत्मछवि- रविकेश झा
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
मैं ख़ुद डॉक्टर हूं" - यमुना