नाम हमने लिखा था आंखों में
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
जीवन का प्रथम प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
మగువ ఓ మగువా నీకు లేదా ఓ చేరువ..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
“ख़्वाब देखे मैंने कई सारे है
बिल्कुल, बच्चों के सम्मान और आत्मविश्वास का ध्यान रखना बहुत
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
होता है ईमान हर इंसान में
"Let us harness the power of unity, innovation, and compassi
*आए अंतिम साँस, इमरती चखते-चखते (हास्य कुंडलिया)*
कितना हराएगी ये जिंदगी मुझे।
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
'प्रहरी' बढ़ता दंभ है, जितना बढ़ता नोट