जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया।
सच तो रंग काला भी कुछ कहता हैं
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
नारी री पीड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बदलते दौर में......
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
अच्छी थी पगडंडी अपनी।सड़कों पर तो जाम बहुत है।।
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा