सुकून में जिंदगी है मगर जिंदगी में सुकून कहां
मसल डाली मेरी इज्जत चंद लम्हों में
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
छन्द- वाचिक प्रमाणिका (मापनीयुक्त मात्रिक) वर्णिक मापनी – 12 12 12 12 अथवा – लगा लगा लगा लगा, पारंपरिक सूत्र – जभान राजभा लगा (अर्थात ज र ल गा)
किससे माफी माँगू, किसको माँफ़ करु।
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कभी हमको भी याद कर लिया करो
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
यदि आप सकारात्मक नजरिया रखते हैं और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वफ़ा की परछाईं मेरे दिल में सदा रहेंगी,
सफलता का जश्न मनाना ठीक है, लेकिन असफलता का सबक कभी भूलना नह