पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
अकेले हो जाते हैं न हम जैसे लोग, जिनके पास खो देने को कोई एक
You lived through it, you learned from it, now it's time to
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
मधुर स्मृति
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
रंग तिरंगे के सभी , देते हैं आवाज ।
खैरात बांटने वाला भी ख़ुद भिखारी बन जाता है,
दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
जब भी आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तब आप किसी गमगीन के
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आधुनिक युग और नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*द लीला पैलेस, जयपुर में तीन दिन दो रात्रि प्रवास : 26, 27, 28 अगस्त 202