🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
यूं सच्चे रिश्तें भी अब मुसाफ़िर बन जाते हैं,
बन बादल न कोई भरा
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
*श्वास-गति निष्काम होती है (मुक्तक)*
आरजी जिंदगी है ...हिसाब किताब होगा सब आखिरत में......
दुनिया में लोग ज्यादा सम्पर्क (contect) बनाते हैं,
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
एक सिपाही
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
बड़ी बातें बेची गईं, तुमको कि ख्वाब मुक़्कम्मल ना हुए, अब को