जहां की रीत
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
इसलिए आप मुझको बुलाए नहीं
दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉
जिन्दगी तेरे लिये
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
6. GREAT MOTHER ( An Acrostic Poem )
So many of us are currently going through huge energetic shi
देहदान का संकल्प (सौहार्द शिरोमणि संत सौरभ पर अधारित)
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
*स्वतंत्रता आंदोलन में रामपुर निवासियों की भूमिका*
बसा के धड़कन में प्यार तेरा पलक भी सपने सजा रही है।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ग़ज़ल _ गुज़र गया वो ख्वाब था , निखर गया वो हाल था ,
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन