जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
एक महिला से तीन तरह के संबंध रखे जाते है - रिश्तेदार, खुद के
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
खतडु कुमाउं गढ़वाल के बिच में लड़ाई की वजह या फिर ऋतु परिवर्तन का त्यौहार
दुश्मनों से नहीं दोस्तों से ख़तरा है
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
राम की रीत निभालो तो फिर दिवाली है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
शायर की जुबां में बोलूँ अगर
दीवाना मौसम हुआ,ख्वाब हुए गुलजार ।
क्या मालूम तुझे मेरे हिस्से में तेरा ही प्यार है,
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो रूठ कर हमसे यूं चल दिए आज....!!!