बच्चों का कोना सिमट गया है।
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
*आओ-आओ इस तरह, अद्भुत मधुर वसंत ( कुंडलिया )*
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
हर जगह मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
एक परोपकारी साहूकार: ‘ संत तुकाराम ’
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
मैं कौन हूँ कैसा हूँ तहकीकात ना कर
मेरी जिंदगी की खुशियां तेरे नाम करूंगा