आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
दीवाल पर लगी हुई घड़ी की टिकटिक की आवाज़ बनके तुम मेरी दिल क
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
बचपन के मुस्कुराते जिद्दी चेहरे
मजदूर का दर्द (कोरोना काल)– संवेदना गीत
*** रेत समंदर के....!!! ***
*प्यार भी अजीब है (शिव छंद )*
'हाँ" मैं श्रमिक हूँ..!
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)