"ज़िंदगी जीना ही होता है"
कभी खामोश रहता है, कभी आवाज बनता है,
जीवन सत्य या मृत्यु। ~ रविकेश झा
गम एक जहर है ,फिर भी पिए जाती हूँ ।
*हमेशा साथ में आशीष, सौ लाती बुआऍं हैं (हिंदी गजल)*
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,
'अस्त्तित्व मेरा हिन्दुस्तानी है'
शिक्षण और प्रशिक्षण (लघुकथा)
दिल करता है कि मैं इक गज़ल बन जाऊं और तुम मुझे गुनगुनाओ,
पुरस्कार हेतु गद्य विधा में पुस्तकें आमंत्रित हैं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
!! गुजर जायेंगे दुःख के पल !!
औरों के लिए सोचना अब छोड़ दिया हैं ,