मुझे पाने इश्क़ में कोई चाल तो चलो,
कड़वा सच
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग
महाकाल के भक्त है अंदर से सशक्त है।
*हम हैं दुबले सींक-सलाई, ताकतवर सरकार है (हिंदी गजल)*
" यह सावन की रीत "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
if two souls are destined to meet, the universe will always
ख़ुद से अपना हाथ छुड़ा कर - संदीप ठाकुर
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो।
आदि अनंत अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी।
ताई आले कावड ल्यावां-डाक कावड़िया