2658.*पूर्णिका*
2658.*पूर्णिका*
अपना साथ निभा कर देखो
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अपना साथ निभा कर देखो ।
अपना हाथ मिला कर देखो।।
यूं मंजिल चूमे पांव यहाँ ।
दुनिया नेक बना कर देखो ।।
इंसान बने अंजान यहाँ ।
छूपे राज बता कर देखो।।
मूरत भी जिंदा कर जाते।
खुद ही जान बसा कर देखो।।
मिलती हरदम खुशियाँ खेदू।
दिल में ख्वाब सजा कर देखो।।
………✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
30-10-23 सोमवार