*बुंदेली दोहा-चिनार-पहचान*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
*डॉंटा जाता शिष्य जो, बन जाता विद्वान (कुंडलिया)*
जब तुमने वक्त चाहा हम गवाते चले गये
जिसने अपनी माँ को पूजा
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
कोई जोखिम नहीं, कोई महिमा नहीं"
कस्तूरी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
बदलाव की ओर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)