2652.पूर्णिका
2652.पूर्णिका
खुशियों की सौगात मिले
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खुशियों की सौगात मिले ।
सोच मिले ख्यालात मिले ।।
दुनिया सुंदर जीवन भर ।
दिन मस्त प्यारी रात मिले ।।
साथ निभाते हमराही ।
चलते न कभी घात मिले।
रंग दिखाती किस्मत यहाँ ।
बस चमक करामात मिले।।
नेक कर्मो का फल खेदू ।
मंजिल भी सुप्रभात मिले।।
……..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश ”
28-10-2023शनिवार