2651.पूर्णिका
2651.पूर्णिका
🌷कोई खोता रहा 🌷
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कोई खोता रहा।
कोई सोता रहा ।।
सीखे ना हँसना ।
कोई रोता रहा।।
पाकर तकलीफ है ।
हरदम धोता रहा ।।
फसलें भी काट कर ।
क्या क्या बोता रहा ।।
करके यूं मेहनत ।
दुनिया ढोता रहा।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-10-2023शनिवार