आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
लपवून गुलाब देणारा व्यक्ती आता सगळ्यांसमोर आपल्या साठी गजरा
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
वो दिन दूर नहीं जब दिवारों पर लिखा होगा...
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
सिलसिले..वक्त के भी बदल जाएंगे पहले तुम तो बदलो
बाल गीत "लंबू चाचा आये हैं"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
यादों का थैला लेकर चले है
Tum ibadat ka mauka to do,
■ सब परिवर्तनशील हैं। संगी-साथी भी।।
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*समय होता कभी अच्छा, कभी होता बुरा भी है (हिंदी गजल)*
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ