— मैं सैनिक हूँ —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
वसंत बहार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
आज़ कल के बनावटी रिश्तों को आज़ाद रहने दो
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
"You will have days where you feel better, and you will have
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
लड़ाई में भी परम शांति, निहित है,