सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
जब जब भूलने का दिखावा किया,
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कब तक छुपाकर रखोगे मेरे नाम को
तेरे होने से ही तो घर, घर है
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे शुभ दिन है आज।
उस जैसा मोती पूरे समन्दर में नही है
*कितनों से रिश्ते जुड़े नए, कितनों से जुड़कर छूट गए (राधेश्य
जीत और हार ज़िंदगी का एक हिस्सा है ,
पाने की आशा करना यह एक बात है
"विकसित भारत" देखना हो, तो 2047 तक डटे रहो बस। काल के कपाल प
"हृदय में कुछ ऐसे अप्रकाशित गम भी रखिए वक़्त-बेवक्त जिन्हें आ