मजा मुस्कुराने का लेते वही...
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
#प्रभात_वंदन (श्री चरण में)
तू कर ले चाहे अपने चेहरे पे परदा
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
" can we take a time off from this busy world, just to relax
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
मेरी खुशी हमेसा भटकती रही
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
यह कौन सी तहजीब है, है कौन सी अदा
ग़ज़ल _ वफ़ा के बदले , वफ़ा मिलेगी ।