2645.पूर्णिका
2645.पूर्णिका
🌷बात मेरी समझा करो 🌷
2122 2212
बात मेरी समझा करो ।
राज क्या है समझा करो ।।
बेझिझक कह बिंदास हम।
चाह अपनी समझा करो ।।
शूल है राहों पर यहाँ ।
फूल खिलते समझा करो ।।
बरसते अब बादल कहाँ ।
आज मौसम समझा करो ।।
साथ देते खेदू तुम्हें ।
वजह कभी समझा करो ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
27-10-2023शुक्रवार