जिस कदर उम्र का आना जाना है
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
जिंदगी में पीछे देखोगे तो 'अनुभव' मिलेगा,
जिन्दगी परिणाम कम परीक्षा ज्यादा लेती है,खुशियों से खेलती बह
माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
दरख़्त-ए-जिगर में इक आशियाना रक्खा है,
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भक्ति गीत (तुम ही मेरे पिता हो)
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
हम चुप रहे कभी किसी को कुछ नहीं कहा
*वर्षा आई ऑंधी आई (बाल कविता)*
ज़िंदगी हमें हर पल सबक नए सिखाती है