Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2024 · 0 min read

1 Like · 25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
डी. के. निवातिया
यजीद के साथ दुनिया थी
यजीद के साथ दुनिया थी
shabina. Naaz
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
अंसार एटवी
" कविता "
Dr. Kishan tandon kranti
Pyaaar likhun ya  naam likhun,
Pyaaar likhun ya naam likhun,
Rishabh Mishra
मैं भी कोई प्रीत करूँ....!
मैं भी कोई प्रीत करूँ....!
singh kunwar sarvendra vikram
जरा- जरा सी बात पर,
जरा- जरा सी बात पर,
sushil sarna
4360.*पूर्णिका*
4360.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
घर की गृहलक्ष्मी जो गृहणी होती है,
घर की गृहलक्ष्मी जो गृहणी होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
मस्तियाँ दे शौक़ दे      माहौल भी दे ज़िन्दगी,
मस्तियाँ दे शौक़ दे माहौल भी दे ज़िन्दगी,
अश्क़ बस्तरी
खाली सूई का कोई मोल नहीं 🙏
खाली सूई का कोई मोल नहीं 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बिहार के रूपेश को मिलेगा
बिहार के रूपेश को मिलेगा "विश्व भूषण सम्मान- 2024"
रुपेश कुमार
..
..
*प्रणय*
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
इम्तिहान
इम्तिहान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
हिंदी दोहे विषय- मंगल
हिंदी दोहे विषय- मंगल
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
221 2121 1221 212
221 2121 1221 212
SZUBAIR KHAN KHAN
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
gurudeenverma198
"संघर्ष पथ पर डटे रहो"
Ajit Kumar "Karn"
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
Neeraj Agarwal
दर्पण
दर्पण
Kanchan verma
जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग
जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग
Paras Nath Jha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Sushila joshi
हसीन चेहरे पर बहकने वाले को क्या ख़बर
हसीन चेहरे पर बहकने वाले को क्या ख़बर
पूर्वार्थ
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
न कोई जगत से कलाकार जाता
न कोई जगत से कलाकार जाता
आकाश महेशपुरी
कागज को तलवार बनाना फनकारों ने छोड़ दिया है ।
कागज को तलवार बनाना फनकारों ने छोड़ दिया है ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आतंक, आत्मा और बलिदान
आतंक, आत्मा और बलिदान
Suryakant Dwivedi
Loading...