भरोसे के काजल में नज़र नहीं लगा करते,
ग़ज़ल _ अब दिल गूंजते हैं ।
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
उम्मीदें लगाना छोड़ दो...
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Being liked and loved is a privilege,
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
कोशिशों पर यक़ी करो अपनी ,
मैं क्या जानूं क्या होता है किसी एक के प्यार में
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
नफरतों के_ शहर में_ न जाया करो
प्रधानमंत्री जी ने ‘आयुष्मान भारत ‘ का झुनझुना थमा दिया “
"समय का भरोसा नहीं है इसलिए जब तक जिंदगी है तब तक उदारता, वि
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
दोस्ती एक गुलाब की तरह हुआ करती है
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
*मिलता जीवन में वही, जैसा भाग्य-प्रधान (कुंडलिया)*