2644.पूर्णिका
2644.पूर्णिका
🌷मंजिल मेरी चल कर आयी 🌷
22 22 22 22
मंजिल मेरी चल कर आयी।
दुनिया अपनी चल कर आयी ।।
कहना क्या है बात निराली ।
खुशियाँ देखो चल कर आयी ।।
सोच नया है नायाब यहाँ ।
यूं दीवानी चल कर आयी ।।
बोझ नहीं कुछ सर पर अपना ।
बन हमराही चल कर आयी ।।
देख नजारा खेदू प्यारा।
हस्तियाँ अपनी चल कर आयी ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
27-10-2023शुक्रवार