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#बकवास
(केवल सुर्खी में आने का बेहूदा प्रयास)
बस, इसी पर सूझ गईं स्व. श्री दुष्यंत जी के एक चर्चित मुक्तक का दूसरा पक्ष उजागर करती चार पंक्तियां। स्वीकारिये, आज की राजनीति (भड़ास, उपहास व बकवासवादी) के संदर्भ में।
■प्रणय प्रभात■
#बकवास
(केवल सुर्खी में आने का बेहूदा प्रयास)
बस, इसी पर सूझ गईं स्व. श्री दुष्यंत जी के एक चर्चित मुक्तक का दूसरा पक्ष उजागर करती चार पंक्तियां। स्वीकारिये, आज की राजनीति (भड़ास, उपहास व बकवासवादी) के संदर्भ में।
■प्रणय प्रभात■