क़िताबों में दफ़न है हसरत-ए-दिल के ख़्वाब मेरे,
मेरे कफन को रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए "ओश"
We become more honest and vocal when we are physically tired
जिन्दगी पहलू नहीं पहेली है।
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
मेरी खुशियों की दिवाली हो तुम।
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कर लो कभी तो ख्बाबों का मुआयना,
मैंने बेटी होने का किरदार किया है
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में