कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आओ न! बचपन की छुट्टी मनाएं
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
जल रहें हैं, जल पड़ेंगे और जल - जल के जलेंगे
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
झिलमिल झिलमिल रोशनी का पर्व है
"नजर से नजर और मेरे हाथ में तेरा हाथ हो ,
वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है।
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
■ सतनाम वाहे गुरु सतनाम जी।।
******* प्रेम और दोस्ती *******
24/235. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
नवतपा की लव स्टोरी (व्यंग्य)