मरने की ठान कर मारने के लिए आने वालों को निपटा देना पर्याप्त
इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से मदहोश होकर,
भले हो ना हो नित दीदार तेरा...
मुझे भी अब उनकी फ़िक्र रहती है,
प्यार जिंदगी का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मैं अपने लिए नहीं अपनों के लिए जीता हूं मेरी एक ख्वाहिश है क
गमों के बीच मुस्कुराने की आदत डालो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कभी आओ मेरे शहर में
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जिन्दगी में वो लम्हा बेहतरीन होता है, जब तुम किसी से कुछ कहन
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
#हे राम तेरे हम अपराधी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
भाग्य मे जो नहीं होता है उसके लिए आप कितना भी कोशिश कर लो वो
*रोगों से बचकर रहें, कृपा करें भगवान (कुंडलिया)*
जिंदगी का हिसाब क्या होगा।