बिन बोले सब बयान हो जाता है
*बस मे भीड़ बड़ी रह गई मै खड़ी बैठने को मिली ना जगह*
आ जाओ अब कृष्ण कन्हाई,डरा रही है तन्हाई है
■ चुनावी साल के चतुर चुरकुट।।
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
इस दुनिया का प्रत्येक इंसान एक हद तक मतलबी होता है।
ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जो थक बैठते नहीं है राहों में
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
जवानी में तो तुमने भी गजब ढाया होगा
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।