संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
बहुत से लोग आएंगे तेरी महफ़िल में पर "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
" मन भी लगे बवाली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
तुमको हक है जिंदगी अपनी जी लो खुशी से
*प्रभु पर विश्वास करो पूरा, वह सारा जगत चलाता है (राधेश्यामी
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
One fails forward toward success - Charles Kettering
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
साधा तीखी नजरों का निशाना