*कस्तूरबा गाँधी पक्षी-विहार की सैर*
गर्व हो रहा होगा उसे पर्वत को
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
जिदंगी भी साथ छोड़ देती हैं,
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना
शिव बन शिव को पूजिए, रखिए मन-संतोष।
अगर मध्यस्थता हनुमान (परमार्थी) की हो तो बंदर (बाली)और दनुज
हम दोनों यूं धूप में निकले ही थे,
जब आपका ध्यान अपने लक्ष्य से हट जाता है,तब नहीं चाहते हुए भी
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी