शीर्षक -क्यों तुमसे है प्रेम मुझे!
दिल कहता है खुशियाँ बांटो
आदिवासी कभी छल नहीं करते
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*रोते-रोते जा रहे, दुनिया से सब लोग (कुंडलिया)*
” माता-पिता और गुरु में फर्क “
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
ज्ञानमय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्यों हादसों से खौफज़दा हो
सर्वप्रथम पिया से रंग
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
संघर्ष के पथ साथ की आशा भटकाव बनेगी
सेर
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
संयम रख ऐ जिंदगी, बिखर सी गई हू |
इस साल बहुत लोगों के रंग उतरते देखें,
रास्तों पर चलने वालों को ही,
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker