262p.पूर्णिका
262p.पूर्णिका
🌷कौन किसी के लिए फिक्रमंद है 🌷
22 2212 2212
कौन किसी के लिए फिक्रमंद है ।
देखो सारे यहाँ जयचंद है ।।
कोई मतलब नहीं जीए मरे।
कहते सजन वक्त का पाबंद है ।।
दुनिया देती दुहाई भी कहाँ ।
सुंदर रास्ता सभी क्यों बंद है ।।
कविता है जिंदगी बस जिंदगी ।
जाने सब पूर्णिका नव छंद है ।।
देती हँसी खुशी खेदू दुआ ।
संघर्ष तो प्यार का मकरंद है ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
17-10-2023मंगलवार