"मीरा के प्रेम में विरह वेदना ऐसी थी"
*दो दिन सबके राज-रियासत, दो दिन के रजवाड़े (हिंदी गजल)*
The thing which is there is not wanted
रवींद्र नाथ टैगोर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
वो राम को भी लाए हैं वो मृत्युं बूटी भी लाए थे,
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
If We Are Out Of Any Connecting Language.
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर