लहरों पर होकर सवार!चलना नही स्वीकार!!
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
जिंदगी के आईने को चश्मे से देखा मैंने,
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
कहने को तो बहुत लोग होते है
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*शिव विद्यमान तुम कण-कण में, प्रत्येक स्वरूप तुम्हारा है (रा
ईश्वर बहुत मेहरबान है, गर बच्चियां गरीब हों,
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अभ्यर्थी हूँ
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }