मैं कल के विषय में नहीं सोचता हूं, जो
लेखनी कहती यही है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
*इस धरा पर सृष्टि का, कण-कण तुम्हें आभार है (गीत)*
मां वाणी के वरद पुत्र हो भारत का उत्कर्ष लिखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
कौन कहता है कि अश्कों को खुशी होती नहीं
🥀*गुरु चरणों की धूलि*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तुझे भूलना इतना आसां नही है
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
अकेले तय होंगी मंजिले, मुसीबत में सब साथ छोड़ जाते हैं।
ख्वाहिशों की ना तमन्ना कर
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।