संगीत का भी अपना निराला अंदाज,
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
नींद तब आये मेरी आंखों को,
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
it is not about having a bunch of friends
सब्र का बांँध यदि टूट गया
आज मैंने खुद से मिलाया है खुदको !!
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -183 के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
लोग तो मुझे अच्छे दिनों का राजा कहते हैं,
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
जीवन शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो