गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
बह्र .... 122 122 122 122
*लहरा रहा तिरंगा प्यारा (बाल गीत)*
खारे पानी ने भी प्यास मिटा दी है,मोहब्बत में मिला इतना गम ,
काश इतनी शिद्दत से कुछ और चाहा होता
Remeber if someone truly value you they will always carve o
दिल के रिश्तों को संभाले रखिए जनाब,
कौन कहता है कि आसमां झुकता नहीं है
वो अपनी जिंदगी में गुनहगार समझती है मुझे ।
मिथिला कियेऽ बदहाल भेल...
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है