बड़ी बहु को नौकर छोटी की प्रीत से
झूठो के बीच में मैं सच बोल बैठा
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
"करने वाला था नहीं, कोई दुआ-सलाम।
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
होली के मजे अब कुछ खास नही
लोककवि रामचरन गुप्त एक देशभक्त कवि - डॉ. रवीन्द्र भ्रमर
सुंदर सुंदर कह रहे, सभी यहां पर लोग
ज़रूरतों के हैं बस तकाज़े,
मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुल
*समय होता कभी अच्छा, कभी होता बुरा भी है (हिंदी गजल)*
*दिल के रोग की दवा क्या है*
मृत्यु शैय्या
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '