sp106 दीपावली -दीप + आवली
किसी बेवफा में वफा ढूंढ रहे हैं
मुश्किल बहुत होता है मन को नियंत्रित करना
उम्मीद से सजे ये छोटी सी जिंदगी
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
*दिन-दूनी निशि चौगुनी, रिश्वत भरी बयार* *(कुंडलिया)*
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
पुर शाम की तन्हाइयां जीने नहीं देती।
ये कैसी आज़ादी ?
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
कुछ लोगो ने मुझको पढ्ना बन्द कर दिया।
#तू वचन तो कर
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
बुरा ख्वाबों में भी जिसके लिए सोचा नहीं हमने
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।