Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2024 · 1 min read

..

#अंतर्मुखी-
आत्म-मुग्ध व आत्म-केंद्रित न खिल सकते हैं, न खिलखिला सकते हैं।
◆प्रणय प्रभात●

1 Like · 86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उलझी हुई जुल्फों में ही कितने उलझ गए।
उलझी हुई जुल्फों में ही कितने उलझ गए।
सत्य कुमार प्रेमी
तुम तो साजन रात के,
तुम तो साजन रात के,
sushil sarna
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
लक्की सिंह चौहान
निहारा
निहारा
Dr. Mulla Adam Ali
*सुनो माँ*
*सुनो माँ*
sudhir kumar
आजादी की कहानी
आजादी की कहानी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
#नादान प्रेम
#नादान प्रेम
Radheshyam Khatik
*झगड़ालू जाते जहॉं, झगड़ा करते आम (कुंडलिया)*
*झगड़ालू जाते जहॉं, झगड़ा करते आम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
काल का स्वरूप🙏
काल का स्वरूप🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
परिंदे भी वफ़ा की तलाश में फिरते हैं,
परिंदे भी वफ़ा की तलाश में फिरते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मानवता
मानवता
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Charlie Chaplin truly said:
Charlie Chaplin truly said:
Vansh Agarwal
सूर्योदय
सूर्योदय
Madhu Shah
"पहली नजर"
Dr. Kishan tandon kranti
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
पूर्वार्थ
🌱कर्तव्य बोध🌱
🌱कर्तव्य बोध🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
উত্তর দাও পাহাড়
উত্তর দাও পাহাড়
Arghyadeep Chakraborty
Tasveerai-e muhabbat ko todh dala khud khooni ke rishto n
Tasveerai-e muhabbat ko todh dala khud khooni ke rishto n
shabina. Naaz
दिन निकलता है तेरी ख़्वाहिश में,
दिन निकलता है तेरी ख़्वाहिश में,
umesh vishwakarma 'aahat'
संगीत का भी अपना निराला अंदाज,
संगीत का भी अपना निराला अंदाज,
भगवती पारीक 'मनु'
माँ जब भी दुआएं देती है
माँ जब भी दुआएं देती है
Bhupendra Rawat
बाण मां सू अरदास
बाण मां सू अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अहंकार
अहंकार
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
Sanjay ' शून्य'
चैन से रहने का हमें
चैन से रहने का हमें
शेखर सिंह
3808.💐 *पूर्णिका* 💐
3808.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
समस्त महामानवों को आज प्रथम
समस्त महामानवों को आज प्रथम "भड़ास (खोखले ज्ञान) दिवस" की धृष
*प्रणय*
जीवन का कोई सार न हो
जीवन का कोई सार न हो
Shweta Soni
Loading...