नारी कब होगी अत्याचारों से मुक्त?
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
*अपने अंतर्मन में बैठे, शिव का आओ कुछ ध्यान धरें (राधेश्यामी
खुश हो लेता है उतना एक ग़रीब भी,
श्याम की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
बहुत तरासती है यह दुनिया जौहरी की तरह
पीयूष गोयल के २० सकारात्मक विचार.
నమో నమో నారసింహ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
छोड़ दिया ज़माने को जिस मय के वास्ते
"बेरोजगार या दलालों का व्यापार"
जो आपका गुस्सा सहन करके भी आपका ही साथ दें,
खिड़कियां हवा और प्रकाश को खींचने की एक सुगम यंत्र है।
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है