क्यों सिसकियों में आवाज को
तेरी सूरत में मोहब्बत की झलक है ऐसी ,
*योग दिवस है विश्व में, इक्किस जून महान (पॉंच दोहे)*
"रूप" की गली से आरंभ होकर "नर्क" के गलियारे तक का मर्म बताने
इंसान का स्वार्थ और ज़रूरतें ही एक दूसरे को जोड़ा हुआ है जैस
23/171.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है
The emotional me and my love
लिख के उंगली से धूल पर कोई - संदीप ठाकुर
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
गम भुलाने के और भी तरीके रखे हैं मैंने जहन में,
संस्मरण #पिछले पन्ने (11)
बेवफाई उसकी दिल,से मिटा के आया हूँ।
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया
जलियांवाला बाग काण्ड शहीदों को श्रद्धांजलि
शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला