*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
हम तब तक किसी की प्रॉब्लम नहीं बनते..
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
"There's a difference between let's see if it works and we'r
हमको भी कभी प्रेम से बुलाइए गा जी
*** सागर की लहरें....! ***
" बीता समय कहां से लाऊं "
शीर्षक-सत्यम शिवम सुंदरम....
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया