2607.पूर्णिका
2607.पूर्णिका
🌷 हम चाहते बहुत कुछ 🌷
2212 212
हम चाहते बहुत कुछ ।
तुम चाहते बहुत कुछ ।।
सुंदर रखे सोच जब ।
सब बदलते बहुत कुछ ।।
देखा यहाँ क्या नहीं ।
मिलते जहाँ बहुत कुछ ।।
साथी सही साथ है ।
यूं हाथ में बहुत कुछ ।।
नव गीत खेदू लिखे।
संगीत है बहुत कुछ ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-10-2023गुरू वार